भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ऐसे बच्चों, जो 18 वर्ष के हो गए हैं और बाल देख-रेख संस्थाओं से निर्मुक्त हुए हैं, को इस योजना से लाभान्वित किए जाएगा। योजना में 18 वर्ष की आयु से अधिक आयु के बालक-बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देने का प्रावधान है। आफ्टर केयर के अंतर्गत बाल देख-रेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक के वर्ष को शामिल करते हुए निरंतर पाँच वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे। स्पान्सरशिप अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के अनाथ बच्चे, जो रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों और मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत पात्रता में नहीं आते, पात्र होंगे। स्पॉन्सरशिप में प्रतिमाह 4 हजार रूपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। आफ्टर केयर में दी जाने वाली सहायता में इंटर्नशिप का लाभ देकर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इंटर्नशिप की अवधि में 5 हजार रूपए की मासिक सहायता अधिकतम एक वर्ष के लिए दी जाएगी। योजना में व्यावसायिक प्रशिक्षण का भी प्रावधान है। पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम में शासकीय संस्थाओं में नि:शुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि में अधिकतम दो वर्ष के लिए हर महीने 5 हजार रूपए दिए जाएंगे। नीट, जेईई या क्लेट में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए निश्चित सीमा तक देय शुल्क शासन द्वारा वहन करने और आजीविका व्यय के लिए 5 हजार रूपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है। पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन वहन करेगा। शासकीय और अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को श्रेणीवार सहायता का मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा निर्धारण किया जाएगा। चिकित्सा सहायता के लिए स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान कार्ड भी बना कर देगा। योजना का लाभ लेने के लिए महिला-बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी से संपर्क करना होगा।
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