20 November 2022   Admin Desk



बंद हुए बद्रीनाथ के कपाट, ख़त्म हुई चारधाम यात्रा...

बद्रीनाथ: बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार को अपराहन 3 बजकर 35 मिनट पर विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर करीब 10000 तीर्थ यात्रियों ने अंतिम पूजा में प्रतिभाग किया।

अंतिम दिन सेना के मधुर बैंड की धुनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई। इस मौके पर ज्योतिर्माठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे। इस वर्ष 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव की महिला मंगल दल की महिलाओं की ओर से तैयार किए गए घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया।

बद्रीनाथ धाम से पहले ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद हुए थे। इसी के साथ ही गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर बंद हुए थे और यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को ही बंद हुए थे।

कपाट बंद होने का माहौल अत्यंत धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं के साथ हुआ। कपाट बंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस वर्ष 17 लाख 60 हजार, 649 श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शनों के लिए बद्रीनाथ पहुंचे। Title in English: The doors of Badrinath are closed, the Chardham Yatra is over...



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