15 December 2022   Admin Desk



योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का दिखने लगा असर

लखनऊ/ संवाददाता - संतोष उपाध्याय लखनऊ: योगी राज में माफिया मुख्तार अंसारी के आतंक के साम्राज्य पर एक और बड़ा प्रहार हुआ है। गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने गैंगस्टर के पांच मामलों में गुरुवार को माफिया मुख्तार और उसके सहयोगी भीम सिंह को 10 साल की सजा सुनाई है। पिछले दिनों ही इस केस में बहस पूरी हुई थी। कोर्ट ने मुख्तार और उसके सहयोगी को दोषी करार देते हुए सजा का फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश से माफिया राज के समूल विनाश का प्रण ले चुकी योगी सरकार के लिए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का ही असर है कि पिछले तीन माह में माफिया मुख्तार को तीसरी बार सजा सुनाई गई है।

जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर

उत्तर प्रदेश में कभी जिस मुख्तार की तूती बोला करती थी, योगी राज में उसकी कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। यूपी पुलिस की ओर से अदालत में पूरी सक्रियता के साथ माफिया के खिलाफ पैरवियों को तत्परता से आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही गवाहों को उनकी सुरक्षा की गारंटी मिल रही है, जिसके बाद कोर्ट में चल रहे मुकदमों में माफिया मुख्तार को हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। प्रदेश की विभिन्न अदालतें मुख्तार को एक के बाद एक उसके गुनाहों की सजा सुना रही हैं। यह योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ नीति का ही असर है कि माफिया मुख्तार की पूरी सल्तनत डगमगा गई है।

बता दें कि इससे पहले बांदा जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे मुख्तार अंसारी को ईडी ने गिरफ्तार करते हुए 10 दिन की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है। माफिया मुख्तार के खिलाफ कुल 59 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 20 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं जबकि पिछले तीन माह में तीसरी बार मुख्तार को सजा सुनाई गई है। वहीं योगी सरकार में माफिया मुख्तार और उसके 282 सदस्यों के खिलाफ अब तक सख्त कार्रवाई हो चुकी है। योगी सरकार में मुख्तार पर अब तक कुल 126 गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई हैं जिसमें गुंडा एक्ट के तहत कुल 66 कार्रवाई हुईं है। इसके साथ ही अब तक उसके 5 सहयोगियों का एनकाउंटर को चुका है।

तीन माह के अंदर तीसरी बार सुनाई गई सजा

इससे पहले 21 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ ने साल 2003 में जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के एक मामले में सजा सुनाई थी। इस मामले में जेलर अवस्थी ने जेल में मुख्तार से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश दिया था। इस पर मुख्तार ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। साथ ही उनके साथ गाली-गलौज करते हुए उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। वहीं 23 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 1999 में दर्ज हुए गैंगेस्टर एक्ट के मामले में उसे पांच साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 23 साल पुराने इस मामले में मुख्तार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। मालूम हो कि जेल में सुधार के लिए चर्चित जेल अधीक्षक रमाकांत तिवारी की चार फरवरी 1999 को हत्या कर दी गई थी। वह तत्कालीन जिलाधिकारी सदाकांत के आवास से बैठक कर शाम सात बजे लौट रहे थे। राजभवन के पास पहुंचते ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समेत दर्जन भर से अधिक लोग नामजद हुए थे।

माफिया की अवैध संपत्ति भी जमींदोज

यूपी पुलिस ने अब तक मुख्तार की 289 करोड़, 93 लाख, 49 हजार रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की है जबकि 282 करोड़, 90 लाख, 16 हजार रुपये से ज्यादा अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चला है।

इन पांच गैंग चार्ज में मुख्तार अंसारी को सुनाई गयी सजा

1- राजेंद्र सिंह हत्याकांड, मुकदमा संख्या 410/88, धारा 302 आईपीसी थाना कैंट, वाराणसी 2- वशिष्ठ तिवारी उर्फ माला गुरु हत्याकांड, मुकदमा संख्या 106/88 धारा 302 आईपीसी थाना कोतवाली गाजीपुर 3- अवधेश राय हत्याकांड, मुकदमा संख्या 229/91, धारा 149, 302 आईपीसी, थाना चेतगंज वाराणसी 4- कांस्टेबल रघुवंश सिंह हत्याकांड, मुकदमा संख्या 294/91, धारा 307, 302 थाना मुगलसराय, चंदौली. गाड़ी चेकिंग करते समय पुलिस बल पर जानलेवा हमला। 5- गाजीपुर में एडिशनल एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला मामले में मुकदमा संख्या 165/96 धारा 148, 307, 332, आईपीसी थाना कोतवाली गाजीपुर के साथ 192./ 96 धारा 3 (1) यूपी गाजीपुर थाना कोतवाली का एक अन्य मामला है।



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