लखनऊ/ संवाददाता - संतोष उपाध्याय लखनऊ: ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा तहसील मोहनलालगंज स्थित खतैनी कम्प्यूटर रूम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उक्त निरीक्षण में ज़िलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल, उप जिलाधिकारी तहसील मोहनलालगंज हनुमान प्रसाद मौर्या, तहसीलदार आनंद तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। निरीक्षण में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि खतैनी रूम/कम्प्यूटर रूम में लाइटिंग की अच्छी व्यवस्था नही है। जिसके लिए निर्देश दिया कि खतैनी रूम/कम्प्यूटर रूम में लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि आगामी 5 जनवरी को आज तक जितने भी आदेश हुए है उनके परवाने R6 में ऑनलाइन दर्ज कराने है। उन्होंने बताया कि सभी न्यायलयों के पेशकरो की यह ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सभी आदेशो के परवाने R6 पर ऑनलाइन दर्ज हुए है या नही। 5 जनवरी के बाद कोई भी ऐसा प्रकरण संज्ञान में नही आना चाहिए नही तो सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि आज शाम को कल तक जितने भी आदेश हुए है उनके परवाने R6 के मैनुअल रजिस्टर में दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए और आगामी 5 जनवरी तक सभी को ऑनलाइन दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा R6 के मैनुअल रजिस्टरों का भी निरीक्षण किया। रजिस्ट्रार कानूनगों से ज़िलाधिकारी द्वारा कितने परवाने रजिस्टर में अभी तक नही चढ़ाए गए है उसकी जनकारी मांगी गई। परंतु रजिस्ट्रार कानूनगों द्वारा ज़िलाधिकारी को जानकारी उपलब्ध नही कराई जा सकी। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि कल तक जितने भी आदेश हुए है उनके परवाने आज शाम तक मैन्युअल रजिस्टर में दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए नही तो कार्यवाही के लिए तैयार रहें। ज़िलाधिकारी ने कहा कि राजस्व कार्यो में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी तहसीलों के पास 5 जनवरी तक का समय है। इससे पहले सभी तहसीले सभी न्यायालय के आदेशो के परवाने R6 पर ऑनलाइन दर्ज कराना सुनिश्चित करे। उक्त अवधि के बाद ज़िम्मेदारी तय की जाएगीं और 5 जनवरी के बाद के जितने आदेश/परवाने है वह सभी नए साफ्टवेयर पर रियल टाइम ऑनलाइन दर्ज करने सुनिश्चित किये जाएंगे। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रतिदिन शाम को 6:30 से 7:30 तक राजस्व कार्यो व राजस्व वादों की समीक्षा की जाएगी। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा परवानो को R6 में ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया को भी देखा गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि खतैनी रूम/कम्प्यूटर रूम में कम्प्यूटर, माउस, कीबोर्ड आदि अच्छी स्थिति में नही है। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि सभी तहसीलों में अपडेटेड वर्ज़न के कम्प्यूटरों की व्यवस्था को सुनिश्चित करे। ज़िलाधिकारी द्वारा समस्त उप ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी तहसीलों को हाईटेक बनाए, जितने भी कम्प्यूटरों की आवश्यकता है उनकी डिमांड बना कर प्रयोक्ता प्रभार से प्राप्त करे। सभी तहसीलों में दो टेलिकॉम ऑपरेटरो के ब्राडबैंड कनेक्शन होना अनिवार्य है। सभी तहसीलों में 24x7 हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा को सुनिश्चित कराया जाए। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि म्यूटेशन/आदेशो को ऑनलाइन दर्ज करने के लिए जो लॉगिन डिटेल है वह कितने लोगों के पास है उसी सूची बनाई जाए और एक लाग रजिस्टर बनाया जाए। लाग रजिस्टर में किस समय किस व्यक्ति द्वारा आईडी का यूज किया गया है उसको दर्ज किया जाए ताकि कोई अनियमितता पाए जाने पर ज़िम्मेदारी तय की जा सके। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि कई खतौनियों में खतैनी वर्ष अभी भी पुराना ही आ रहा है। ऐसी सभी खतौनियों को चिन्हित करते हुए उनके खतैनी वर्ष अपडेट किये जाए। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि आदेश होने के बाद RK से जब परवाना R6 में दर्ज होने के लिए वापस खतैनी रूम/कम्प्यूटर रूम आता है तो R6 में ऑनलाइन दर्ज होने के बाद परवाने पर स्पष्ट रूप से लिखा जाए कि परवाना R6 में ऑनलाइन दर्ज किया गया और दर्ज करने वाले कि पदनाम के साथ मोहर व हस्ताक्षर के साथ वापस RK के पास भेजा जाए। यह व्यवस्था सभी तहसीलों में तत्काल रूप से लागू की जाए। साथ ही परवाने में आदेश जारी होने का दिनांक व परवाना जारी होने का दिनाक दोनों अलग अलग अंकित किया जाए। निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि धारा 34 में दाखिल खारिज के समय बैनामे में निम्नवत 3 बातो की जाँच विशेष कर की जाए । भूमि सीलिंग से अच्छादित न हो, विक्रेता SC न हो, जो भूमि बेची जा रही है उसका भौतिक कब्ज़ा विक्रेता द्वारा क्रेता को दे दिया गया हो। भूमि पर कब्जे की जांच लेखपाल द्वारा की जाएगी, यदि लेखपाल द्वारा कब्ज़े की स्थिति गलत बताई गई तो लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने बताया कि भविष्य में यदि धारा 34 के किसी प्रकरण में उपरोक्त लिखित बातो का उल्लंघन पाया जाता है तो दाखिल खारिज के आदेश को खारिज करते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया जाएगा।
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