06 January 2023   Admin Desk



समय से किया जाये निस्तारण, उप ज़िलाधिकारियों द्वारा संपूर्ण समाधान दिवस को लिया जाये अत्यंत गंभीरता से

लखनऊ/ संवाददाता - संतोष उपाध्याय लखनऊ: राजधानी लखनऊ में दिन शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा सभी उप ज़िलाधिकारियों समस्त तहसीलदारों व सभी नायब तहसीलदारों को निर्देश दिए कि अपने अपने न्यायलयों में कम से कम एक-एक आदेश वह स्वयं टाइप करते हुए जारी करे। 25 जनवरी के बाद अधिकारियों द्वारा स्वयं जारी किए गए आदेशो को कलेक्ट किया जाएगा और 30 जनवरी को ज़ूम के माध्यम से बैठक करते हुए आदेशो की कमियों और अच्छाईयों के बारे में चर्चा करते हुए सभी की ट्रेनिंग कराई जाएगी। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए । बैठक की शुरुआत ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। समीक्षा शुरू करने से पहले ज़िलाधिकारी द्वारा जनपद को 6 रैंक में पहुचाने के लिए ज़िलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों की प्रशंसा की गई। उन्होंने बताया कि अब हमारे सामने टॉप 10 में अपना स्थान बनाए रखने की चुनौती है, इसको हमे मेंटेन करना है। जिसके लिए हमे प्राथमिकता पर IGRS पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करना है। हमे यह प्रयास करना है कि अगले 6 माह हम अपना स्थान टॉप 10 में बनाए रखे। उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा विविध देयो से सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया कि विभिन्न देय मद में पिछले माह की अपेक्षा वसूली में वृद्धि हुई है। जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए। समीक्षा में संज्ञान में आया कि उक्त मद में सबसे कम वसूली बी0के0टी0 तहसील में की गई। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि हर सप्ताह प्रातः कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा समस्त तहसीलदारों के साथ वसूली की गहन समीक्षा की जाएगी और इसी प्रकार समस्त तहसीलदारों द्वारा अपनी अपनी तहसीलों में सप्ताह में एक बार समस्त अमीनो के साथ गहन समीक्षा करते हुए वसूली की कार्यवाही को तेज किया जाएगा और जिन अमीनो प्रगति खराब होगी उनको स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी/कर्मचारी पत्राचार में पूरे हस्ताक्षर, नाम व पदनाम की मोहर का प्रयोग करते हुए पत्राचार करेगे। कोई भी अधिकारी हस्ताक्षर में अपने इनिशियल का प्रयोग नही करेगा। पूर्व में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए थे कि 10 बड़े बकाएदारों से अगले माह तक वसूली करना सुनिश्चित किया जाए। परन्तु जिन बकायेदारों से से अभी तक वसूली नही हो पाई है तो ऐसे बकाएदारों के विरुद्ध कुर्की की कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा खनन सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। अवैध खनन के सम्बंध में प्राप्त शिकायतों के का संज्ञान लेते हुए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी उप ज़िलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्र में कही भी अवैध खनन न हो। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाना सुनिश्चित करे। यदि अवैध खनन के सम्बंध में कोई सूचना प्राप्त हो तो तत्काल इसकी सूचना खनन अधिकारी को उपलब्ध कराए। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि जिन संस्थाओ को खनन करने की अनुमति जारी की गई है वह संस्थाए सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही खनन का कार्य करेगी। सूर्यास्त के बाद खनन और परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा और उसको अवैध मानते हुए कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही जिन लेखपालो के क्षेत्रों में अवैध खनन होगा या सीमा से अधिक खनन पाया जाएगा ऐसे लेखपालो को शो कास नोटिस जारी किया जाएगा। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी प्रतिदन सुबह अपना समय कोर्ट में व्यतीत करेगे। यदि सम्भव हो तो जनता दर्शन भी वही करें। स्वयं कोर्ट में बैठकर पारदर्शिता के साथ कोर्ट की कार्यवाही करें। ज़िलाधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि कोर्ट के किसी भी आदेश में भ्रष्टाचार संज्ञान में आना नही चाहिए। यदि कोई भी भ्रष्टाचार संज्ञान में आता है तो सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सभी उप ज़िलाधिकारी/तहसीलदार सभी कोर्ट के आदेशों को अपने सामने तैयार कराकर जारी करे, ताकि सभी आदेशो में सूचित बनी रहे। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करे। भ्रष्टाचार करने वाले और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वालो को कदापी बख्शा नही जाएगा। सभी अधिकारी भ्रष्टाचार पर पूर्णतः अंकुश लगाना सुनिश्चित करे। उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा बैठक में आर्थिक सहायता के प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी बताया गया कि आर्थिक सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नही होना चाहिए। आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि आर्थिक सहायता से सम्बंधित समस्त प्रकरणों पर 24 घंटे के भीतर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ बिपिन कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती राकेश सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गुप्ता, समस्त उप ज़िलाधिकारी,समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।



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